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Showing posts from May, 2019

गुप्त साम्राज्य:- स्थापना व उसके शासक

आज का हमारा विषय है गुप्त साम्राज्य गुप्त साम्राज्य का संस्थापक श्री गुप्त थे गुप्त साम्राज्य 275-550 ईसवी था| चंद्रगुप्त प्रथम 320 से 325 ईसवी घटोत्कच के बाद उसका पुत्र चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का शासक हुआ| इसमें महाराजाधिराज की पदवी धारण  की चंद्रगुप्त ने एक संपत चलाया जो गुप्त संवत के नाम से प्रसिद्ध है| गुप्त काल में केवल ब्राह्मणों को भूमि दान में दी जाती थी गुप्त काल में जिन ब्राह्मणों का गांव पर अधिकार होता था उन्हें ब्रह्म देवा कहा जाता था| गुप्तकालीन समाज में अंतरजातीय विवाह प्रचलित थे | गुप्त काल भी नृत्य एवं संगीत में निपुण तथा काम शास्त्र में पारंगत महिलाओं को गणिका कहते थे| गुप्त काल में हिंदू धर्म की अत्यधिक उन्नति हुई इस काल में हिंदू धर्म की दो प्रमुख शाखाएं प्रचलित थी| वैष्णव और शिव गुप्त काल में त्रिमूर्ति के अंतर्गत ब्रह्मा विष्णु महेश की पूजा आरंभ हुई इसमें ब्रह्मा को सर्जन विष्णु को पालन तथा महेश को संहार का प्रतीक माना गया| गुप्त काल में जैन धर्म को विशेष स्थान प्राप्त था| जैन धर्म को श्वेतांबर शाखा की दो सभाओं का आयोजन हुआ था| पहली स

16 महाजनपद व मौर्य साम्राज्य का उदय

महाजनपद युग छठी शताब्दी ईसा पूर्व में 16 महाजनपदों के अस्तित्व का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ में प्राप्त होता है | इन महाजनपदों में सर्वाधिक शक्तिशाली मगध सांग जिन ग्रंथ भगवती सूत्र भी हमें 16 महाजनपदों की जानकारी उपलब्ध कराता है| इन 16 महाजनपदों में असमक एकमात्र महाजनपद जो दक्षिण भारत में गोदावरी नदी के तट पर स्थित था| छठी शताब्दी ईसा पूर्व अर्थात गौतम बुद्ध के समय 10 गण तंत्र भी स्थापित करें| 16 महाजनपदों में मुख्य रूप से काशी कौशल अंगद जी मल छेदी वत्स गुरु पांचाल मत्स्य शूरसेन अशमक अवंती गांधार कंबोज आदि नाम आते हैं| महाजनपदों को प्राय लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिको के विकास के साथ जोड़ा जाता है| ज्यादातर महाजनपदों पर राजा का शासन होता था| लेकिन गण और संघ के नाम से प्रसिद्ध राज्यों में अनेक लोगों का समूह शासन करता था इस तरह का प्रत्येक व्यक्ति राजा बना था| गण राज्यों में भूमि सहित अनेक आर्थिक सौदों पर गण के राजा सामूहिक नियंत्रण रखते थे|  प्रत्येक महाजनपद एक राजधानी होती थी जिन्हें प्राय किले से गिरा जाता था किले बंद राजधानियों के रखरखाव और प्रारंभिक से नाम और नौकरशा

सिंधु घाटी की सभ्यता: हड़प्पा सभ्यता

आज हम अपने भारत के इतिहास के बारे में पढ़ेंगे हड़प्पा सभ्यता जैसा कि आप सभी को पता है भारत की सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता है जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है इसका काल 2500 ईसा पूर्व से 1500 पूर्व है सिंधु घाटी सभ्यता का भारतीय इतिहास में एक विशिष्ट स्थान क्योंकि सभ्यता के आने से भारतीय इतिहास में मौर्य काल से पूर्व की विशिष्ट जानकारी प्राप्त होती है सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता हूं जैसे मिश्र मेसोपोटामिया सुमेर एवं कीट के समान विकसित एवं प्राचीन थी यह ताम्र पाषाण संस्कृति भी है सर्वप्रथम 1921 में राय बहादुर दयाराम साहनी ने हड़प्पा नामक स्थान पर इस महत्वपूर्ण सभ्यता के अवशेषों का पता लगाया प्रारंभ में उत्खनन कार्य सिंधु नदी घाटी में ही किया गया तथा वही इस सभ्यता के अवशेष सर्वप्रथम प्राप्त हुए थे अतः इस सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता कहा गया परंतु इस सभ्यता के अवशेष सिंधु नदी की घाटी से दूर गंगा यमुना के दोआब और नर्मदा ताप्ती के मुहाने तक प्राप्त हुए हैं अतः पुरातत्व वेदो ने पुरातत्व परंपरा के आधार पर इस सभ्यता का नाम उसके सर्वप्रथम ज्ञात स्थल के नाम प

हमारा आक्रामक व्यवहार क्यों होता है?

हमारा आक्रामक व्यवहार क्यों? हमें जब गुस्सा आता है या किसी के प्रति रोष होता है तो हम अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है| ऐसी स्थिति में हमारा व्यापार आक्रामक हो जाते हैं| आक्रामक से हमारा क्या मतलब है? इसमें ही हम दूसरे को शारीरिक क्या मौखिक रूप से हानि पहुंचाने या उसकी चीजों को तहस-नहस करने का निश्चय करते हैं|  अगर भीड़ में अनजाने में आपका पैर किसी दूसरे के पैर पर पड़ जाता है और आप तुरंत क्षमा मांग लेते हैं, तो आपके इस कृत्य को आक्रामक नहीं कहा जाएगा क्योंकि आपने जानबूझकर उसका पैर नहीं कुचला था| अभी हमने आक्रामक का व्यवहार क्या होता है, उसके बारे में सिखा अब हम देखेंगे कि है यह सहज स्वाभाविक होता है या सीखा हुआ? कुछ मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि आक्रामक व्यवहार सहज होता है इसके लिए वे दो तर्क सामने रखते हैं| पहला यह आपको सब तरफ दिखाई देगा हमारे इतिहास युद्ध और संघर्षों का इतिहास है| हमारे समाचारपत्र हिंसात्मक घटनाओं से भरे रहते हैं| दूसरा आक्रामक व्यवहार पशुओं में भी देखने को मिलता है कुछ पशुओं में तो आक्रामकता इतनी होती है कि हम आक्रामकता के लिए उन पर प्रजनन

कॉपरनिकस की क्रांति

सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद कहना चाहता हूं आपने मेरे ब्लॉग को पढ़ा और कई लोगों के मुझे ईमेल भी मिले इनमें कई विद्यार्थियों ने मुझे कहा कि मैं अपने Astronomy के ब्लॉग हिंदी में लिखूं| तो लीजिए उन सभी के लिए मेरी तरफ से एक दिलचस्प व मजेदार टॉपिक, आज हम बात करेंगे "कॉपरनिकस की क्रांति के बारे में" जैसा कि आप सभी को भी दें कॉपरनिकस एक महान वैज्ञानिक थे| उन्होंने हमारे ब्रह्मांड के बारे में हमें बहुत कुछ बताया है कोपरनिकस के मॉडल में सूर्य ब्रह्मांड के केंद्र में स्थित था| बुध शुक्र अपने चंद्रमा सहित पृथ्वी मंगल बृहस्पति और शनि वृत्ताकार कक्षाओं में सूर्य के चारों ओर घूमते थे इस मॉडल में भी तारे पृष्ठभूमि में एक गोले पर स्थिर माने गए कोपरनिकस का विश्वास था कि सभी ग्रहों का आकार एक समान था, ग्रहों की गति को समझने में यह मॉडल टॉलमी  के मॉडल जितना ही कारगर साबित हुआ, इस मॉडल का टकराव भू केंद्रित मॉडल से हुआ और यह तब तक सार्वजनिक रूप से नहीं स्वीकारा गया जब तक Galileo तथा कैपलर के कार्य ने इसे सही प्रमाणित नहीं कर दिया| कोपरनिकस का सूर्य केंद्रित मॉडल गैलीलियो Galileo के खग

संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग

चलिए हम अपने विषय को आगे बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की संरचनाओं के प्रमुख अंगो के बारे में चर्चा करते हैं| जैसा कि हमने पहले पढ़ाई है संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व शांति को बनाए रखने के लिए बनाया गया एक संगठन है इसमें कुछ प्रमुख अंग है उन प्रमुख अंगो के सभी के अलग-अलग कार्य निर्धारित किए गए हैं| इनमें सबसे पहला है संयुक्त राष्ट्र महासभा: इसके अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रीय सदस्य शामिल होते हैं सभी सदस्य देशों को महासभा में अपने अधिक से अधिक 5 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल नियुक्त करने का अधिकार है लेकिन प्रत्येक राज्य को उसमें केवल एक मत देने का अधिकार होता है आमतौर पर महासभा की वर्ष में केवल एक ही बैठक होती है जो कि सितंबर अक्टूबर में बुलाई जाती है लेकिन जरूरत होने पर उसकी विशेष बैठक भी बुलाई जा सकती हैं| इसका दूसरा प्रमुख अंग है सुरक्षा परिषद: संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग सुरक्षा परिषद है एक तरह से यह उसकी कार्यपालिका है इसमें अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस रूस और चाइना नाम के पांच स्थाई सदस्य देशों के अलावा 10 स्थाई सदस्य होते हैं जो कि 2 वर्ष के

संयुक्त राष्ट्र संघ: UNO

चलिए आज का हमारा विषय है संयुक्त राष्ट्र संघ, आज हम संयुक्त राष्ट्र संघ की उत्पत्ति व कार्यों के बारे में चर्चा करेंगे संयुक्त संघ की उत्पत्ति प्रथम विश्व युद्ध में कई देशों को अंतरराष्ट्रीय झगड़ों के निपटारे के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन के निर्माण के लिए मजबूत किया फलस्वरूप 1920 में राष्ट्रीय संघ का जन्म हुआ फिर भी राष्ट्र संघ द्वितीय विश्वयुद्ध को रोकने में असफल हुआ यह युद्ध अपने आप में संपूर्ण इतिहास में एक महान संकट तथा विनाशकारी था| द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात सन 1947 में राष्ट्र संघ के उत्तराधिकारी के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई इस संगठन का जन्म 51 राष्ट्र द्वारा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर करने से हुआ जहां राष्ट्र संघ में सफल हुआ था वहां संयुक्त राष्ट्र संघ में सफल होने का प्रयास किया इसमें विश्व युद्ध को रोका संयुक्त राष्ट्र संघ का लक्ष्य संघर्षों तथा जिलों को रोकना तथा राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाना था आज संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य हैं जो सभी संप्रभु हैं संयुक्त राष्ट्र की महासभा में प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार

भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार

दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता  है हमारे संविधान में हमें कुछ मौलिक अधिकार मिले हैं क्या आपको पता है वह कितने हैं? चलिए आज हम इनके बारे में बात करते हैं| हमारा पहला मौलिक अधिकार है  समता का अधिकार यह अनुच्छेद 14 से 18 में है इसमें, कानून के समक्ष समानता, कानून का समान संरक्षण, धर्म जाति लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध, और रोजगार में अवसर की समानता है| हमारा दूसरा मौलिक अधिकार है  स्वतंत्रता का अधिकार एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता यह अनुच्छेद 19-22 में है इसके अंतर्गत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण ढंग से जमा होने और सभा करने की स्वतंत्रता, संगठित होने की स्वतंत्रता, भारत में कहीं भी आने जाने की स्वतंत्रता, कोई भी पेशा चुनने, व्यापार करने की स्वतंत्रता, जीवन की रक्षा और दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार, है| हमारे तीसरा मौलिक अधिकार है  शोषण के विरुद्ध अधिकार यह अनुच्छेद 23 वे 24 में है इसमें बंधुआ मजदूरी पर रोक, व जोखिम वाले कामों में बच्चों से मजदूरी कराने पर जो जैसे कानून है| हमारा चौथा मौलिक अधिकार धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28

How to calculate "mass of any Planet"?

Do you know how to measure mass of any planet?  How it possible? There are the many type of questions like this?  That is a very interesting topic for all of us. Everybody know Earth is the third planet from the Sun. The mass of the Earth may be determined using Newton's law of gravitation. It is given as the force (F), which is equal to the Gravitational constant multiplied by the mass of the planet and the mass of the object, divided by the square of the radius of the planet. We set this equal to the fundamental equation, force (F) equals mass (m) multiplied by acceleration (a). We know that the acceleration due to gravity is equal to 9.8 m/s2, the Gravitational constant (G) is 6.673 × 10−11 Nm2/kg2, the radius of the Earth is 6.37 × 106 m, and mass cancels out. When we rearrange the equation and plug all the numbers in, we find that the mass of the Earth is 5.96 × 1024 kg. F = Gm1m2/r2 = ma Gm/r2 = g m = gr2/G m = (9.8 m/s2) (6.37 × 106 m)2/(6.673 × 10−11

Why do we need to know Syllables?

What is Syllables? Why do we need to know Syllables? When you want to spell a really long word that you haven't heard of before / spelt before. Take "Availability" for example (and I'm not sure I spelt that right!) How would you attack it? Would you "say it slowly"? Of course not! You would break it down into the smallest possible chunks (a-vail-a-bil-i-ty - of course if you already know how to spell super you could write that part as a known word then get on with the rest). Which is why we teach our students how to break words down into syllables to make the words more managable. It also helps to learn orthographic features of words for example that when you hear 'ing' in a word you spell it "i-n-g" and that the a sound at the end of 'tig/er' / 'moth/er' / 'com/pu/ter' is represented by "er". How many types we use Syllable?   1. A closed syllable ends in a consonant. The vowel has a shor

World's Most Luxury Train: MAHARAJA TRAIN

Maharaja Train Almost everybody love Travel, some people loves bus travel, some people loves Air Plane travel, some loves Ships Travel, and some loves Train Travel. But All people wants luxury travel in all of these, now today I'm telling about our 'Maharaja train'. Do you know this is a most luxury train in our India? Maharaja Train a whole new level of luxury and feel like a Maharaja while travelling from Delhi to Mumbai, aboard the Maharaja Express! The Maharaja Express is a joint initiative of the Indian Government and Indian Tourism Department. The luxury train service was started in March 2010 to give its travellers an extraordinary experience of travelling in India. Maharaja Express was voted "The World's Leading Luxury Train" at The World Travel Awards, twice. The Maharaja Express is the most expensive luxury train in Asia. And the most expensive luxury train in the world. The Maharaja Express departs every Wednesday ona mys

Green Number Plate for "EV's"

New Law for "Electric Motor Vehicle" Indian Government approves Green Number Plate for EVS, to offer privilege and concession. The Government of India has taken yet another step in pushing for greater adoption of electric vehicles in India with the approval of green number plates for EVs in the country. The green number plates will make for the fifth type of number plates offered to civilians at the moment. These will feature white fonts for EVs owned as personal vehicles, while commercially operated EVs will feature yellow fonts. These number plates will not only be unique to signify EVs, but also entail a bunch of privileges and concessions to be put in place for early adopters of EVs. These may include toll concessions on highways, exclusive parking zones and specialised lanes in congested areas. Furthermore, commercial vehicle operators may soon be mandated to include a percentage of electric cars in their fleets to increase the adoption of electric mobility. T

प्रमुख नगर व उनकी नदियाँ

🗾 नदियों के किनारे बसे भारत के प्रमुख नगर        शहर               - नदी                     - राज्य 1. आगरा            - यमुना                 - उत्तर प्रदेश 2. अहमदाबाद     - साबरमती            - गुजरात 3. इलाहाबाद       - गंगा                   - उत्तर प्रदेश 4. अयोध्या          - सरयू                - उत्तर प्रदेश 5. बद्रीनाथ          - गंगा                   - उत्तराखंड 6. कोलकाता       - हुगली                 - पश्चिम बंगाल 7. कटक             - महानदी              - ओडिशा 8. नई दिल्ली        - यमुना                - दिल्ली 9. डिब्रूगढ़           - ब्रह्मपुत्र               - असम 10. फिरोजपुर        - सतलज              - पंजाब 11. गुवाहाटी         - ब्रह्मपुत्र                - असम 12. हरिद्वार           - गंगा                    - उत्तराखंड 13. हैदराबाद         - मूसी                   - तेलंगाना 14. जबलपुर         - नर्मदा                 - मध्य प्रदेश 15. कानपुर           - गंगा                   - उत्तर प्रदेश 16. कोटा              - च