चलिए हम अपने विषय को आगे बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की संरचनाओं के प्रमुख अंगो के बारे में चर्चा करते हैं|
संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग सुरक्षा परिषद है एक तरह से यह उसकी कार्यपालिका है इसमें अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस रूस और चाइना नाम के पांच स्थाई सदस्य देशों के अलावा 10 स्थाई सदस्य होते हैं जो कि 2 वर्ष के कार्यकाल के लिए महासभा द्वारा क्षेत्रीय आधार पर चुने जाते हैं इस प्रकार उसकी कुल सदस्य संख्या 15 अपना 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्र सदस्य तुरंत दोबारा सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं चुना जा सकता परंतु बाद में उसे निर्वाचित किया जा सकता है भारत अनेक बार सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य रहा है|
संयुक्त राष्ट्र संघ के इस महत्वपूर्ण अंग की सदस्य संख्या 54 है यह सभी सदस्य महासभा द्वारा चुने जाते हैं सदस्य राष्ट्रों का कार्यकाल 3 वर्ष है लेकिन उसके एक तिहाई सदस्य हर वर्ष चुने जाते हैं अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाला राष्ट्र उसी वर्ष दोबारा आर्थिक और सामाजिक परिषद का सदस्य चुना जा सकता है|
संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके पहले के राष्ट्र संघ की देखरेख में रखी गई संरक्षित या न्यास प्रदेशों की आर्थिक और सामाजिक उन्नति की जिम्मेदारी न्यास परिषद की है संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंग के रूप में इन प्रदेशों को सुशासन देने के योग्य बनाने की जिम्मेदारी इसी परिषद की है लेकिन अब इस न्यास परिषद का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है क्योंकि प्रयास सभी संरक्षित किया न्यास प्रदेश अब अपना प्रशासन स्वयं संभालने योग्य बन गए हैं इसलिए पलाउ के स्वतंत्र होने के बाद 1 नवंबर 1994 से यह परिषद स्थगित कर दिया गया|
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य न्यायिक इकाई है यह नीदरलैंड के हेड नामक नगर में स्थित है अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं यह न्यायाधीश महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा चुने जाते हैं न्यायाधीशों का कार्यकाल 9 वर्ष का होता है संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य राज्य अपने बीच में विवादों के हल के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जा सकते हैं जो संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य नहीं है वे भी अपने विवाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जा सकते हैं इस न्यायालय के निर्माणों को लागू कराने की जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद को सौंपी गई है इसके मुख्य कार्यों में सम्मिलित है|
संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 97 के अनुसार उसके सचिवालय में एक महासचिव और आवश्यकता के हिसाब से बाकी कर्मचारी होते हैं महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा की जाती है, सिफारिश में पांच स्थाई सदस्य देशों की सहमति जरूरी है| महासचिव 5 वर्ष तक अपने पद पर रहता है अपना कार्यकाल पूरा करने वाला व्यक्ति दोबारा महासचिव चुना जा सकता है| 1 जनवरी 2007 से दक्षिण कोरिया के बान की मून महासचिव पद पर कार्यरत हैं, वे संयुक्त राष्ट्र संघ के आठवें महासचिव है|
जैसा कि हमने पहले पढ़ाई है संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व शांति को बनाए रखने के लिए बनाया गया एक संगठन है इसमें कुछ प्रमुख अंग है उन प्रमुख अंगो के सभी के अलग-अलग कार्य निर्धारित किए गए हैं|
इनमें सबसे पहला है संयुक्त राष्ट्र महासभा:
इसके अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रीय सदस्य शामिल होते हैं सभी सदस्य देशों को महासभा में अपने अधिक से अधिक 5 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल नियुक्त करने का अधिकार है लेकिन प्रत्येक राज्य को उसमें केवल एक मत देने का अधिकार होता है आमतौर पर महासभा की वर्ष में केवल एक ही बैठक होती है जो कि सितंबर अक्टूबर में बुलाई जाती है लेकिन जरूरत होने पर उसकी विशेष बैठक भी बुलाई जा सकती हैं|
इसका दूसरा प्रमुख अंग है सुरक्षा परिषद:
संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग सुरक्षा परिषद है एक तरह से यह उसकी कार्यपालिका है इसमें अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस रूस और चाइना नाम के पांच स्थाई सदस्य देशों के अलावा 10 स्थाई सदस्य होते हैं जो कि 2 वर्ष के कार्यकाल के लिए महासभा द्वारा क्षेत्रीय आधार पर चुने जाते हैं इस प्रकार उसकी कुल सदस्य संख्या 15 अपना 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्र सदस्य तुरंत दोबारा सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं चुना जा सकता परंतु बाद में उसे निर्वाचित किया जा सकता है भारत अनेक बार सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य रहा है|
इसका तीसरा अंग है आर्थिक तथा सामाजिक परिषद:
संयुक्त राष्ट्र संघ के इस महत्वपूर्ण अंग की सदस्य संख्या 54 है यह सभी सदस्य महासभा द्वारा चुने जाते हैं सदस्य राष्ट्रों का कार्यकाल 3 वर्ष है लेकिन उसके एक तिहाई सदस्य हर वर्ष चुने जाते हैं अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाला राष्ट्र उसी वर्ष दोबारा आर्थिक और सामाजिक परिषद का सदस्य चुना जा सकता है|
इसका चौथा प्रमुख अंग है न्यास परिषद:
संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके पहले के राष्ट्र संघ की देखरेख में रखी गई संरक्षित या न्यास प्रदेशों की आर्थिक और सामाजिक उन्नति की जिम्मेदारी न्यास परिषद की है संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंग के रूप में इन प्रदेशों को सुशासन देने के योग्य बनाने की जिम्मेदारी इसी परिषद की है लेकिन अब इस न्यास परिषद का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है क्योंकि प्रयास सभी संरक्षित किया न्यास प्रदेश अब अपना प्रशासन स्वयं संभालने योग्य बन गए हैं इसलिए पलाउ के स्वतंत्र होने के बाद 1 नवंबर 1994 से यह परिषद स्थगित कर दिया गया|
इसका पांचों प्रमुख अंग है अंतरराष्ट्रीय न्यायालय:
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य न्यायिक इकाई है यह नीदरलैंड के हेड नामक नगर में स्थित है अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं यह न्यायाधीश महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा चुने जाते हैं न्यायाधीशों का कार्यकाल 9 वर्ष का होता है संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य राज्य अपने बीच में विवादों के हल के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जा सकते हैं जो संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य नहीं है वे भी अपने विवाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जा सकते हैं इस न्यायालय के निर्माणों को लागू कराने की जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद को सौंपी गई है इसके मुख्य कार्यों में सम्मिलित है|
1) सदस्य राज्यों के बीच विवादों का निपटारा कर आना तथा
2) संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय विधियों पर सलाह देना|
इस का आखरी प्रमुख अंग है सचिवालय:
संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 97 के अनुसार उसके सचिवालय में एक महासचिव और आवश्यकता के हिसाब से बाकी कर्मचारी होते हैं महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा की जाती है, सिफारिश में पांच स्थाई सदस्य देशों की सहमति जरूरी है| महासचिव 5 वर्ष तक अपने पद पर रहता है अपना कार्यकाल पूरा करने वाला व्यक्ति दोबारा महासचिव चुना जा सकता है| 1 जनवरी 2007 से दक्षिण कोरिया के बान की मून महासचिव पद पर कार्यरत हैं, वे संयुक्त राष्ट्र संघ के आठवें महासचिव है|
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