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सप्ताह के दिनों का महत्व ||

                 हिन्दू धर्म सप्ताह के दिनों का महत्व


हिन्दू धर्म में शुभ-अशुभ का बेहद महत्व है। किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ समय एवं वार देखा जाता है। इसके पीछे कारण साफ होता है, और वह यह कि कार्य सफल हो जाए इसलिए शुभ समय एवं शुभ दिन पर ही हो।




शुभ दिन के आधार पर कार्य निर्धारण

आपने आज तक शुभ समय के बारे में ही अधिक सुना होगा, लेकिन शुभ दिन के आधार पर कौन से कार्य किए जाते हैं यह हम आज आपको बताएंगे।


सोमवार से लेकर रविवार तक
लेकिन सोमवार से लेकर रविवार तक, सभी दिन आपके किन कार्यों को सफल बनाते हैं यह जान लीजिए। ताकि अगली बार जब आप कोई विशेष कार्य करने लगें, तो उसकी सफलता के लिए संबंधित शुभ दिन का ही चयन करें।


रविवार
रविवार के दिन सूर्य ग्रह का अधिक प्रभाव होता है। यदि आपको कोई नई औषधि आरंभ करनी हो, तो इस दिन से सेवन करना शुरू करें। इसके अलावा नया वाहन या नई नौकरी इस दिन से आरंभ करें। स्वास्थ्य विचार, पशु खरीदी, यज्ञ-मंत्रोपदेश, दीक्षा, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, धातु की खरीद, वाद-विवाद, न्यायिक सलाह इस दिन शुभ है।

सोमवार
सोमवार के दिन आप कृषि संबंधी कोई भी नया कार्य प्रारंभ करें, फलित ही होगा। कृषि संबंधी कार्य जैसे कि खेती यंत्र खरीदी, बीज बोना, बगीचा, फल के वृक्ष लगाना, आदि इस दिन करें। इसके अलावा वस्त्र तथा रत्न धारण करना, औसत क्रय-विक्रय, भ्रमण-यात्रा, कला कार्य, स्त्री प्रसंग, नवीन कार्य, अलंकार धारण करना, पशुपालन, वस्त्र आभूषण का क्रय-विक्रय हेतु इस दिन शुभ होता है।

मंगलवार
मंगल ग्रह से प्रभावित होता है यह दिन। इस दिन जासूसी कार्य, भेद लेना, ऋण देना, गवाही, विष कार्य, असद् कार्य, अग्नि विषयक कार्य, सेना, युद्ध, नीति-रीति, वाद-विवाद निर्णय, साहस कार्य आदि शुभ है किन्तु ऋण लेना शुभ नहीं है। इस दिन लिया हुआ ऋण चुकाना काफी मुश्किल हो जाता है।

बुधवार
यदि आप किसी को ऋण दे रहे हैं, तो बुधवार को दें। इस दिन दिया हुआ ऋण आपके पास जल्दी वापस आ जाता है। इसके अलावा शिक्षा-दीक्षा विषयक कार्य, विद्यारंभ अध्ययन, सेवावृत्ति, बहीखाता, हिसाब विचार, शिल्पकार्य, निर्माण कार्य, नोटिस देना, गृहप्रवेश, राजनीति विचार शुभ है।

गुरुवार
यूं तो यह दिन सबसे अधिक शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन आप ऐसे कौन से कार्य करें कि वह सफल हों यह जान लीजिए। इस दिन ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा, धर्म संबंधी कार्य, अनुष्ठान, विज्ञान, कानूनी कार्य, नई शिक्षा आरंभ करना, गृह शांति, मांगलिक कार्य, आदि शुभ कार्य साथ ही सफल होते हैं।

शुक्रवार
शुक्र ग्रह से प्रभावित होता है यह दिन। इस दिन सांसारिक कार्य, गुप्त विचार गोष्ठी, प्रेम व्यवहार, मित्रता, वस्त्र, मणिरत्न धारण तथा निर्माण, अर्क, इत्र, नाटक, छायाचित्र फिल्म, संगीत आदि कार्य शुभ भण्डार भरना, खेती करना, हल प्रवाह, धान्या रोपण, आयु ज्ञान शिक्षा शुभ है।

शनिवार
भगवान शनि का प्रभाव इस दिन सबसे अधिक होता है। यदि कोई शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित है, तो उसे इस दिन विशेष शास्त्रीय उपाय करने चाहिए।
इसके अलावा कौन सा कार्य इस दिन करना शुभ होगा, जानिए - गृहप्रवेश व निर्माण, नौकर-चाकर रखना, धातु लौह-मशीनरी, कल पुर्जों के कार्य, गवाही, व्यापार विचार, वाद-विवाद दुष्ट कार्य, वाहन खरीदना, सेवा विषयक कार्य करना शुभ परन्तु बीज बोना, कृषि खेती कार्य शुभ नहीं।

इसका प्रभाव
सदियों से शुभ-अशुभ की यह रीत चली आ रही है। किसी धार्मिक कार्य को करने के लिए हम अकसर शुभ समय की तलाश में रहते हैं। यूं तो हर समय, हर घड़ी, हर एक पल भगवान का ही रचा हुआ है। तो फिर क्या शुभ और क्या अशुभ?

ज्योतिष शास्त्र में इसका महत्व
लेकिन ज्योतिष शास्त्र की नजर में हर समय अपना एक अलग प्रभाव लेकर आता है। इसलिए हमें किसी भी कार्य को करने से पहले, खासतौर से वह कार्य जिसके सफल होने की हमें लालसा होती है, उसके लिए शुभ समय जरूर जान लेना चाहिए।

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